बुधवार, 1 दिसंबर 2010

विकास का पर्याय छत्तीसगढ़- अमर अग्रवाल


विकास का पर्याय छत्तीसगढ़- अमर अग्रवाल
बिलासपुर। प्रदेश के स्वास्थ्य, परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा, वाणिज्यकर, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री अमर अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ राज्य की 10वीं वर्षगांठ के अवसर पर शहर और प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाऐं दी। उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षो के सफर में छत्तीसगढ़ राज्य विकास के रूप में जाना जाता है। गांव, गरीब, किसान सहित प्रदेश का चहुमुखी विकास सरकार की प्रथम प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि विशेषकर सात वर्षो में छत्तीसगढ़ को समृद्धि और विकास की दिशा में देश के अग्रणी राज्यों में जाना जाने लगा है। विकास के मायने जनसुविधाओं के प्रयास बताते है, लेकिन देश में छत्तीसगढ़ को वास्तविक पहचान छत्तीसगढ़िया लोकमानस की श्रमप्रधान संस्कृति, अकूत प्राकृतिक संपदा, लोकपरम्परा और लोक विरासतों से मिली है, यहॉ के लोगों के सतत परिश्रम से ही राज्य उत्तरोत्तर ऊचाईयों की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज चाहे क्षेत्र शिक्षा हो या चिकित्सा, कृषि हो या उद्योग, खेल हो या विभिन्न वर्गो के कल्याण, परिवेश उन्नयन हो या जीवन स्तर में सुधार, अधोसंरचना विकास हो या प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि, प्रत्येक क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ बेहतर स्थिति में है। आम आदमी की बुनियादी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए सबके साथ सबका विकास एवं सादगी के साथ जनसेवा के मूल मंत्र को जनप्रयासों से क्रियान्वित करते हुए छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने विश्वसनीय छत्तीसगढ़ का सफर तय किया है। आज लोगों के बीच छत्तीसगढ़ के विकास की ही चर्चा है। खनिज राजस्व की दृष्टि से देश में दूसरा बड़ा राज्य है, देश का एक तिहाई लोहा छत्तीसगढ़ में बनता है, निर्माणक स्टील के पांचवें बड़े आपूर्तिकर्ता के रूप में देश में हर तीसरा निर्माण छत्तीसगढ़ के लोहे से हो रहा है। साल भर में देश में खनिज से बनने वाली हर छठवी चीज में छत्तीसगढ़ का योगदान है। राज्य में देश का 38 प्रतिशत टिन अयस्क, 28 प्रतिशत हीरा, 18.55 लोह अयस्क और लगभग 12 से 13 प्रतिशत कोयला और प्रदेश के कुल क्षेत्र फल का 44 प्रतिशत हिस्सा वनों से परिपूर्ण है। देश का 11 प्रतिशत सीमेंट उत्पादन, 20 प्रतिशत एल्यूमिनियम उत्पादन छत्तीसगढ़ में ही होता है। खनिज राजस्व की दृष्टि से छत्तीसगढ़ देश का दूसरा बड़ा राज्य है वन राजस्व की दृष्टि से तीसरा बड़ा राज्य है। छत्तीसगढ़ देश का अकेला ऐसा राज्य है जहॉ जीरो पावर कट की स्थिति है। राज्य में 50 हजार मेगा वाट क्षमता के बिजली उत्पादन हेतु एमओयू हो चुके है। देश के हर बड़े उद्योग समूहो का अपना राज्य पसिनंददा राज्य है। टाटा, एस्सार, एनएमडीसी स्टील प्लांट हो या ग्रासिम, लाफार्ज, अल्ट्राटेक जैसे सीमेंट कारखाने या एनटीपीसी के ऊर्जा सयंत्र एवं अन्य विभिन्न निजी और सार्वजनिक उद्योगिक इकाईयां छत्तीसगढ़ में है। देश में किसानों को सबसे न्यूनतम दर 3 प्रतिशत पर ऋण दिया जा रहा है। राज्य स्थापना के समय कृषक ऋण 150 करोड़ रूपये थे जो पिछले वर्ष बढ़कर 1300 करोड़ रूपये का ऋण उपलब्ध करा गया है। प्रतिवर्ष किसानों को 6 हजार यूनिट मुफ्त दी जा रही है। सिचाई का रकबा एक दशक में 23 से बढ़कर 31 प्रतिशत हो गया है और प्रतिव्यक्ति आय 38 हजार 853 रूपये तक पहुॅच गई है तथा पिछले वर्ष 11.49 प्रतिशत की वृद्धि हासिल कर छत्तीसगढ़ देश में प्रथम स्थान में रहा।  राज्य में बजटीय प्रावधान वर्ष 2001 में 5704 करोड़ रूपये से बढ़कर वर्तमान वित्तीय वर्ष में 24 हजार करोड़ से ज्यादा हो गया है। व्यापार, व्यवसाय की सुविधाओं और सेवाओं में वृद्धि के साथ सरकार की आय भी महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है। उत्तम राज्य कोषीय प्रबंधन द्वारा वित्तीय अनुशासन का सतत रूप से पालन किया जा रहा है, जिससे सेंट्रल मेचिंग ग्रांट भी सरलता से प्राप्त हो रही है, आय के श्रोत बढे है, नानटैक्सएबल इनकम भी बढी है। सुशासन  की नीति पर विकास हेतु योजनाओं एवं प्रशासन का प्रभावी क्रियान्वयन किया जा रहा है। वाणिज्यकर विभाग द्वारा एक दशक में प्रतिवर्ष पिछले वर्ष की तुलना में 20 प्रतिशत की राजस्व वृद्धि हुई है तथा राज्य में ट्रेडर्स हेतु आम उपभोक्ताओं की बेहतरी के लिए ई गर्वनेंस पैटर्न पर ई पंजीयन, ई रिटन, ई चालान, ई फार्मस आदि तमाम सुविधायें उपलब्ध कराई गई है। श्री अग्रवाल ने कहा प्रदेश के विकास के साथ लोगो का बेहतर स्वास्थ हमारी पहली प्राथमिकता है। स्वास्थ के तुलनात्मक सूचकांक आम लोगों की प्रगति बताते है। वर्ष 2001-02 की तुलना में वर्ष 2009-10 में शिशु मृत्यु दर 76 से घटकर 57 प्रति हजार, मातृ मृत्यु दर 407 से घटकर 335 प्रति लाख, जन्म दर 26.3 से 26.1 प्रति हजार, मृत्यु दर 8.8 से 8.1 प्रति हजार के स्तर पर पहुच गई है। बेहतर स्वास्थ सुविधाओं हेतु छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री बाल ह्दय योजना, मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना, महतारी एक्सप्रेस, संजीवनी एक्सप्रेस, जीवनदीप समितियां, केंसर जैसे असाध्य रोंगो की चिकित्सा हेतु आधुनिक सुविधायें, निजी क्षेत्र के बड़े अस्पताल, मेडिकल एजुकेशन हेतु रायपुर, बिलासपुर और जगदलपुर मेडिकल कॉलेज, पांच डेंटल कालेज, 17 जिला अस्पताल, 17 सिविल अस्पताल, 144 सामुदायिक विकास केन्द्र, 715 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, 4776 उपस्वास्थ्य केन्द्र, 3 मेडिकल कॉलेज, 5 डेन्टल और 12 नर्सिग प्रशिक्षण कालेजों के माध्यम से स्वास्थ परिवार कल्याण और चिकित्सा केन्द्रो द्वारा आम आदमी के बेहतर स्वास्थ हेतु सरकार अभियानरत् है। संजीवनी कोष से 13 चिन्हाकिंत बीमारियों के ईलाज के लिए गरीबी रेखा श्रेणी के लोगो को आर्थिक सहायता दी जाती है एवं राष्ट्रीय स्वास्थ बीमा योजना के अंतर्गत गरीबी रेखा श्रेणी के परिवारो से पंजीकष्त अस्पतालो में 1 वर्ष तक 30 हजार रूपए के निःशुल्क ईलाज की योजना में जून 2010 तक दस लाख 63 हजार परिवारो को स्मार्ट कार्ड जारी कर छत्तीसगढ़ ने पूरे देश में प्रथम स्थान पर है। आज ह्दय, कैंसर, किडनी सहित हर प्रकार के रोगो का ईलाज छत्तीसगढ़ में संभव है प्रदेश के शहर के साथ कस्बो, गांवो, मजरो-टोलो तक में बुनियादी स्वास्थ सुविधाएॅ उपलब्ध कराने के अलावा गंभीर रोगो से ग्रस्त मरीजो को अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाएॅ छत्तीसगढ़ में उपलब्ध करायी जा रही है। छत्तीसगढ़ में भूख से किसी व्यक्ति की मौत नही होती जहॉ 2001 में 5 लाख मीट्रिक टन की खरीदी की वहीं आज यह 50 लाख मीट्रिक टन पहुॅच गई है। 36 लाख गरीब परिवार मुख्यमंत्री खाद्यन्न योजना द्वारा लाभांवित हो रहा है विकास के एकक के रूप में आखों लोगों को रोजगार मिला विभिन्न विभागों में समय बद्ध भर्ती अभियान चलाया गया, ये सारे तथ्य विकास के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते है तथा राज्य की बेहतरी का प्रमाण है। उन्होंने कामना कि सामाजिक समरस्ता और प्राकृतिक, सांस्कृतिक विरासतों के संरक्षण व सवंर्धन से शांति और सदभाव हेतु नक्सलवाद जैसी चुनौतियों को समन्वित प्रयासों से उन्मूलित कर छत्तीसगढ़ राज्य सतत विकास के पथ पर अग्रसित होगा। राज्य की वित्तीय स्थिति सुदृढ है।


जनअपेक्षाओं के अनुरूप महानगरीय स्वरूप ले रहा है अपना बिलासपुर- श्री अमर अग्रवाल

अपना बिलासपुर राज्य के विकास की धारा के समानांतर जन अपेक्षाओं के अनुरूप विकास के पथ पर महानगरीय स्वरूप ले रहा है। राज्य का उच्च न्यायालय, रेल्वे जोनल मुख्यालय, एनटीपीसी सीपत सयंत्र, एसईसीएल मुख्यालय, नियोजित नगर विकास के अनुरूप 1 हजार करोड़ रूपये से अधिक के विभिन्न विकासात्मक कार्य, तिफरा-सिरगिट्टी के औद्योगिक क्षेत्र, 279 करोड़ रूपये की महानगरीय तर्ज पर निर्माणाधीन सिवरेज योजना, प्रस्तावित अरपा विकास प्राधिकरण, हाईटेक राजकीय बस अड्डा, प्रदेश का पहला ट्राफिक पार्क, प्रदेश का सुंदरतम ऊर्जा पार्क, गुरूघासीदास केन्द्रीय विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़ आर्युविज्ञान संस्थान, आधुनिक सुविधाओं से युक्त जिला चिकित्सालय, विभिन्न सांस्कृतिक आयोजन एवं साहियिक गतिविधियां, रतनपुर-ताला-मदकू सहित विभिन्न ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों का पुर्नउद्धार एवं परिवेश सुधार, कानन पेंडारी, अचानक मार्ग बायो-स्फियर    रिजर्व, रघुराज स्टेडियम नवीनीकरण, जिला खेल परिसर, विभिन्न राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन सहित विभिन्न सामुदायिक भवन, सांस्कृतिक केन्द्र एवं अनेक सुविधायें, सेंवायें और उपलब्धियां पिछले एक दशक में बिलासपुर को प्राप्त हुई है जो स्वमेव बिलासपुर के विकास को इंगित करती है। सुविधाओं की उपलब्धता में जन सहभागिता, मीडिया समुदाय के द्वारा जागरूकता और सचेतना अभियान तथा प्रशासनिक सक्षमता विशेष उल्लेखनीय है जिससे हमारा बिलासपुर निरंतर आगे की ओर बढ़ रहा है।

1 टिप्पणी:

  1. भारतीय लोकतांत्रितक व्यवस्था में विपक्ष के नजरिये से देखने सब काल्पनिक बाते लगेगी

    """बिलासपुर में अमर विकास चल रहा है"""

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