सोमवार, 20 दिसंबर 2010

हम सब को समझाने वाले बड़े भाई हमारे बीच नहीं है-प्रेस क्लब सचिव एवं पत्रकार स्वर्गीय सुशील पाठक

 प्रेस क्लब सचिव एवं पत्रकार स्वर्गीय सुशील पाठक
यह खबर कि सुशील भइया अब हमारे बीच नहीं है आँखों देखने के बाद भी लगता है कि अभी उनकी आवाज आएगी और कहेंगे कि छोटे मे यहाँ हू ,वे भले ही पत्रकार,प्रेस क्लब सचिव रहे लेकिन वो ऐसे अपने रहे कि हमेशा समझाते,हँसते,निर्भीक प्रोत्साहन देते नज़र आये,अगर महीनो उनसे बात नहीं हो तो भी वे नाराज़ होते और हो तो भी लेकिन हमेशा से ही उनकी बातो मे चिंता और लक्ष्य के प्रति सचेतना से कामयाबी की बात का सन्देश मिलता था,दुनियादारी को अच्छी तरह से इतनी कम उम्र मे जानने वाले सुशील भइया बिलासपुर प्रेस जगत के ऐसे सिपाही थे जिन्होंने शशि कोन्हेर जी के साथ प्रेस क्लब के मायने बिलासपुर के सामने रखते हुए ऐसे संगठनात्मक मॉडल रखा जिससे पत्रकार जगत का समाजोउन्मुखी परिदृश्य सामने आया, उनके रहते प्रेस क्लब अपना सा लगता था,वास्तव मे वो कड़ी के रूप थे,क्रिकेट ,योग,सांस्कृतिक कार्यक्रमो मे उनके साथ कि गयी मस्तिया यादे बन गयी है,लेकिन दो  प्यारे -प्यारे बच्चो के पापा अचानक तेजी से बढते बिलासपुर की लच्चर कानून व्यवस्था का शिकार इस तरह होंगे यह दर्दनाक है !

 बस  यह है कि हम सब को समझाने वाले बड़े भाई हमारे बीच नहीं है, 

                          
उन्हें शत शत नमन !



Satyaprakash pandey ji:

"घुन्घरालू",जी हाँ कुछ इसी नाम से मै और मेरे कुछ पत्रकार मित्र उसे बुलाते थे...थे इसलिए कहना पड़ रहा है क्योकि अब वो हमसे काफी दूर जा चूका है...घुन्घरालू नाम मैंने इसलिए रखा था क्योकि उसके करली बाल बेहद आकर्षित करते थे....वो मेरी किसी भी बात पर कभी नाराज नही होता था,अक्सर प्रेस क्लब में वो मुझसे मिलता,देखते ही बोल पड़ता "क्या बात है पांडेयजी बड़े छाए हो टीवी पर,और क्या चल रहा है........"हाँ कभी-कभी हमारे बीच मनमुटाव भी होता लेकिन एक कप चाय की प्याली सारे गिले-शिकवे मिटा देती थी.... हमेशा उसके चेहरे पर खुशियों की लालिमा नजर आती...सभी से कुछ ना कुछ कहते रहना और अपनी बात को बड़ी ही दमदारी से रखना उसकी आदत में शुमार हो चूका था...मेरे घुन्घरालू का असल नाम सुशील पाठक था जिसे लोग "मटरू" के नाम से पुकारते थे...सबका मटरू मेरे लिए घुन्घरालू था,हमेशा रहेगा...कल {19 दिसम्बर} की रात उन सबके लिए मनहूस रही होगी जो मटरू यानि मेरे घुन्घरालू को जानते थे....रोज की तरह वो दफ्तर से काम निपटा कर रात करीब साढ़े १२ बजे घर के लिए निकला...घर यानि सरकंडा चटर्जी गली पहुँचते-पहुंचते करीब २ बज गए...रोज की तरह घर से कुछ ही दूरी पर अपनी कार पार्क कर मटरू नीचे उतरा ही था की पास घात लगाये बैठी मौत ने उसे घेर लिया...कुछ लोगो ने मटरू पर गोलिया दाग दी...उसने भागकर जान बचाने की कोशिश भी की,लेकिन घर की दहलीज से चंद कदमो की दूरी पर ही घुन्घरालू की सांसो ने उससे बेवफाई कर दी....घर में मटरू के आने की उम्मीद में दोनों बच्चे और भाभी सो रहे थे...इधर डोली लेकर आई मौत घुन्घरालू को इस जहाँ से बिदा कराकर ले जा चुकी थी....मटरू की लाश औंधे मुह जमीन पर पड़ी थी और कुछ ही दूरी पर पुलिस रात गश्त के नाम पर अलाव जलाकर वक्त काट रही थी....वारदात की जगह से पुलिस के गस्त पॉइंट की दूरी महज ५० मीटर की रही होगी....इसी बीच एक पत्रकार मित्र का उसी रास्ते से गुजरना हुआ,वो भी अखबार की डियूटी कर घर लौट रहा था....रास्ते में औंधे मुह पड़े एक व्यक्ति को देख उस पत्रकार मित्र ने तफ्तीश की तो पाया की मरनेवाला कोई और नही बल्कि सुशील भाई है....इसके बाद सुरेश पाण्डेय ने मोबाईल पर लगभग सभी को ये विचलित कर देने वाली खबर दी....सब मौके पर जुट गए,खबर की गंभीरता को भाप कर पुलिस के आला अफसरों की तत्परता भी देखने लायक थी....जैसे-तैसे मनहूस रात गुजरी,सुबह जिसे-जिसे खबर मिलती गई वो मटरू को आखरी बार देखने पहुँच गया...इस पूरे वाकये ने जहाँ मिडिया जगत को हिलाकर रख दिया वहीँ बिलासपुर शहर के लोग भी कानून व्यवस्था को कोसते रहे....मटरू की हत्या कोई छोटी-मोटी घटना नही थी,इस बार दहशतगर्दो ने लोकतंत्र के चौथे स्तंभ को मारकर पुखता प्रमाण दे दिया था की कानून व्यवस्था दहशतगर्दो की चौखट पर सलामी दे रही है.... बदन पर खाकी वर्दी ओढ़े कुछ अफसर और कर्मचारी बीके ईमान की रोटी खाते है ये सुना भर था,देखने का मौका मटरू की मौत के बाद मिला....
मटरू दैनिक भास्कर में काम करता था...वहां कम ही लोग होंगे जो मटरू के अंदाज में नौकरी करते रहे होंगे, बिंदास और बेबाकपन की नौकरी कम ही लोग करते है....करीब डेढ़ दशक पत्रकारिता के मैदान में कलम के दम पर कई जंग फतह करने वाले घुन्घरालू को एक विदेशी हथियार के शोर ने भले ही खामोश कर दिया हो लेकिन मटरू कहूँ या मेरे घुन्घरालू के पीछे चलने वालो के बुलंद हौसले अब भी बरक़रार है.....ज्यादा कुछ लिखा नही जाता इसलिए यही रुककर अपने घुन्घरालू को श्रधा सुमन अर्पित करता हूँ और इश्वर से कामना करता हूँ कि मटरू के परिवार के लोगो को दुःख की बेला में साहस और संबल प्रदान 


स्वास्थ्य मंत्री श्री अग्रवाल ने स्वर्गीय श्री सुशील पाठक के परिजनों से भेंट कर संवेदना व्यक्त की

घर पहुंचे अमर, एसपी से ली जांच की जानकारी
कलेक्टर, कमिश्नर को बुलाया ,हत्यारों को शीघ्र गिरफ्तार करने के निर्देश।
नगर विधायक ने जिले की कानून व्यवस्था की स्थिति पर करीब घंटे भर तक आईजी से चर्चा की एवं निर्देश दिए। 


उन्होंने कमिश्नर आरपी जैन व कलेक्टर सोनमणि बोरा को निवास पर 
बुलाकर लंबी चर्चा की। इस दौरान उन्होंने कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की। श्री अग्रवाल ने पूरे घटनाक्रम के बारे में मुख्यमंत्री को भी जानकारी दी है।स्वास्थ्य एवं राजस्व मंत्री अमर अग्रवाल ने मंगलवार को एसपी जयंत थोरात को अपने राजेंद्र नगर स्थित निवास पर बुलाकर जमकर फटकार लगाई। दैनिक भास्कर के वरिष्ठ पत्रकार सुशील पाठक की जघन्य हत्या और कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर उन्होंने गहरी चिंता जताई तथा रात्रि गश्त तेज करने के निर्देश दिए। 

सार्वजनिक कार्यक्रम स्थगित
शहर में श्री अग्रवाल के आधा दर्जन से अधिक कार्यक्रम थे। शहर में घटी हृदय विदारक घटना के चलते उन्होंने अपने सभी कार्यक्रम स्थगित कर दिए। वे मंगलवार को गर्ल्स डिग्री कॉलेज तथा विनर्स वेली इंग्लिश मीडियम स्कूल के वार्षिकोत्सव के अलावा आनंद मेला में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल होने वाले थे।
आईजी व कलेक्टर को किया तलब
श्री अग्रवाल सोमवार देर रात रायपुर से बिलासपुर पहुंचे। मंगलवार की सुबह वे अन्य दिनों की अपेक्षा पहले तैयार हो गए थे। सुबह ९.३० बजे उन्होंने आईजी एडी गौतम को तलब किया। इस दौरान श्री अग्रवाल ने पुलिस जांच के प्रोग्रेस के बारे में जानकारी ली। शाम के वक्त कमिश्नर आरपी जैन व कलेक्टर सोनमणि बोरा सिविल लाइन स्थित मंत्री के आवास पहुंचे। आला अफसरों ने श्री अग्रवाल से बंद कमरे में करीब एक घंटे विचार विमर्श किया।

सुशील पाठक की नृशंस हत्या की सूचना मिलने के बाद राजधानी रायपुर से बीती रात यहां पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री श्री अग्रवाल ने आज शहर में आयोजित अपने विभिन्न कार्यक्रमों को निरस्त कर दिया। उन्होंने स्व. पाठक के सरकंडा स्थित निवास पर पहुंचकर शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और उनके परिजन को भरोसा दिलाया कि हत्यारों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस को त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। पुलिस के आला अधिकारियों से उन्होंने शहर व जिले में हो रही घटनाओं के मद्देनजर स्थिति पर कड़ाई से नियंत्रण करने के निर्देश दिए हैं। श्री अग्रवाल ने पाठक की हत्या पर गहन शोक जताते हुए घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि पत्रकार सुशील पाठक की हत्या से प्रेस जगत को अपूरणीय क्षति पहुंची है। हत्या के षडय़ंत्र में चाहे कितने बड़े ही अपराधी क्यों न शामिल हों, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। शहर की शांत फिजां को अशांत करने वालों के खिलाफ सख्ती बरती जाएगी।श्री अग्रवाल के साथ जिला भाजपा के कोषाध्यक्ष गुलशन ऋषि, निगम में नेता प्रतिपक्ष महेश चंद्रिकापुरे, पार्षद दुर्गा सोनी, मंडल अध्यक्ष चंदू मिश्रा, युवा मोर्चा के नगर अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य किशोर राय सहित बड़ी संख्या में समर्थक उपस्थित थे।
मोमबत्ती जलाकर किया याद-
सिंधी समाज सहित अन्य युवाओं ने मंगलवार को गुरुनानक चौक पर मोमबत्ती जलाकर पत्रकार सुशील पाठक को श्रद्घांजलि दी। इस मौके पर नितेश गेमनानी, राजेंद्र शर्मा, मोती गंगवानी, नीरज गेमनानी, राहुल भुगल, बाबा पांडेय, आशीष तिवारी, योगेंद्र बंजारे, नवीन गंगवानी, जसबीर सिंग, मोनू यादव, नवीन भट्ट आदि मौजूद थे।



2 टिप्‍पणियां:

  1. यह बिलासपुर के लिए एक बड़ी मानवीय छति है
    ईश्वर उन की आत्मा को शांति प्रदान करे .

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