राजस्व और वाणिज्यिक कर विभाग:वर्ष 2010 में हुए जनहित के अनेक कार्य
रायपुर 28 दिसम्बर 2010
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार के राजस्व और वाणिज्यिक कर विभागों में भी कैलेण्डर वर्ष 2010 में जनहित के अनेक फैसले हुए और कई महत्वपूर्ण गतिविधियां संचालित की गयी।
राजस्व विभाग
- 07 जनवरी - सूखा राहत के तहत मजदूरों को मजदूरी का भुगतान बैंकों के माध्यम से करने का निर्णय। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में निर्णय।
- 30 जनवरी - राष्ट्रीय भू-अभिलेख आधुनिकीकरण कार्यक्रम के तहत पायलेट प्रोजेक्ट के लिए बिलासपुर जिले का चयन।
- 09 मार्च - राज्य में औद्योगिक एवं वाणिज्यिक परियोजनाओं की स्थापना के लिए भूमि अधिगृहित होने पर मुआवजा राशि अधिकतम 10 लाख प्रति एकड़ तक बढ़ोतरी।
- 10 अगस्त - मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा की। प्रभावितों के लिए 138करोड़ रूपए जारी। बाढ़ नियंत्रण के लिए प्रमुख नदियों में तटबंध बनाने के निर्देश।
- 27 अगस्त - राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने सरगुजा में की राजस्व विभाग के कार्यों की समीक्षा।
- 27 अगस्त - राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने सरगुजा जिले के मुख्यालय अम्बिकापुर में जनता को भू-अभिलेखों की प्रतिलिपि कम्प्यूटर से देने की योजना का शुभारंभ किया।
- 31 अगस्त - राजस्व मंत्री श्री अमर अग्रवाल ने रायपुर में रायपुर संभाग के राजस्व कार्यों की समीक्षा की।
- 24 दिसम्बर - राजस्व मंत्री श्री अमर अग्रवाल ने जगदलपुर में की राजस्व विभाग की समीक्षा की।
वाणिज्यिक कर
- 18 जनवरी - वाणिज्यिक कर मंत्री श्री अमर अग्रवाल ने आबकारी विभाग से प्राप्त राजस्व की समीक्षा की। शराब के अवैध परिवहन पर रोक लगाने के निर्देश।
- 15 फरवरी - मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह द्वारा उपभोक्ता जागरण पुरस्कार योजना 2009 के विजेताओं को पुरस्कार वितरित।
- 26 मार्च - छत्तीसगढ़ मनोरंजन शुल्क एवं विज्ञापन कर संशोधन विधेयक विधानसभा में पारित
- 01 अप्रैल - महापुरूषाें के मुद्रित फोटो, केरोसिन बत्ती, स्टोव, तले-भुने चने कर मुक्त। वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा अधिसूचना जारी।
- 22 जून - बिना हस्ताक्षर के ई-रिटर्न की सुविधा एक जुलाई से।
- 28 जून - व्यवसायियों को रिटर्न जमा करने के लिए एकल खिड़की प्रणाली शुरू।
- 21 जुलाई - डायरेक्ट टू होम (DTH को मनोरंजन कर के दायरे में लाया गया। अधिसूचना जारी
- 8 अक्टूबर - छत्तीसगढ़ में विमान ईधन पर वेट की दर 25 प्रतिशत घटाकर 4 प्रतिशत किया गया।
- 11 अक्टूबर - उपभोक्ता जागरण पुरस्कार योजना 2010 शुरू।
- 01 नवम्बर - बकाया राजस्व वसूली के लिए एक नवम्बर से सरल समाधान योजना शुरू। बकायादारों को कुल बकाया राजस्व में 40 प्रतिशत छूट।
दस वर्षों में वाणिज्यिक कर के राजस्व में छह गुना वृध्दि
रायपुर, 9 जनवरी 2010
छत्तीसगढ़ में पिछले दस वर्षों में वाणिज्यिक कर के राजस्व में छह गुना बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वर्ष 2000-01 में वाणिज्यिक कर के माध्यम से राज्य सरकार को 753.28 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ था, जो वर्ष 2009-10 में बढ़कर 4545.78 करोड़ रूपए हो गया है। वाणिज्यिक कर मंत्री श्री अमर अग्रवाल ने बताया कि पिछले सात वर्षों में किसी भी वस्तु के कर में वृध्दि नहीं करने बावजूद बेहतर कर प्रबंधन, करों के युक्तियुक्तकरण और उपभोक्ताओं की जागरूकता के फलस्वरूप राजस्व में यह बढ़ोतरी संभव हो पायी है। उन्होंने बताया कि इस दौरान प्रदेश में उद्योग और व्यापार का बेहतर वातावरण निर्मित हुआ, जिससे बड़ी संख्या में पूंजी निवेश के साथ ही व्यापार में बढ़ोतरी हुई है।
श्री अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में कर प्रणाली में लगातार सुधार किए गए हैं। कर प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया और कर अपवंचन के स्रोतों को बंद किया गया है, जिसके कारण राजस्व में हर वर्ष बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि वर्ष 2000-2001 में प्रदेश में वाणिज्यक कर से केवल 753.28 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ था, लेकिन इसके बाद राजस्व में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2001-02 में 1184 करोड़ रूपए, 2002-03 में 1396.31 करोड़ रूपए, 2003-04 में 1577.13 करोड़ रूपए, 2004-05 में 1999.42 करोड़ रूपए, 2005-06 में 2526 करोड़ रूपए, 2006-07 में 3185.97 करोड़ रूपए, 2007-08 में 3578.23 करोड़ रूपए 2008-09 में 4079.62 करोड़ रूपए और वर्ष 2009-10 में 4545.78 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में 31 दिसम्बर तक 3595 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त हो चुका है
श्री अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश में कर प्रणाली में लगातार सुधार किए गए हैं। कर प्रक्रिया का सरलीकरण किया गया और कर अपवंचन के स्रोतों को बंद किया गया है, जिसके कारण राजस्व में हर वर्ष बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वाणिज्यिक कर विभाग के अधिकारियों ने आज यहां बताया कि वर्ष 2000-2001 में प्रदेश में वाणिज्यक कर से केवल 753.28 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ था, लेकिन इसके बाद राजस्व में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2001-02 में 1184 करोड़ रूपए, 2002-03 में 1396.31 करोड़ रूपए, 2003-04 में 1577.13 करोड़ रूपए, 2004-05 में 1999.42 करोड़ रूपए, 2005-06 में 2526 करोड़ रूपए, 2006-07 में 3185.97 करोड़ रूपए, 2007-08 में 3578.23 करोड़ रूपए 2008-09 में 4079.62 करोड़ रूपए और वर्ष 2009-10 में 4545.78 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि चालू वित्तीय वर्ष में 31 दिसम्बर तक 3595 करोड़ रूपए का राजस्व प्राप्त हो चुका है
क्रमांक-5380/कुशराम
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