इस मिट्टी पे सर पटको ये धरती है बेईमान की.
बंदों में है दम, राडिया-विनायकयम
बंदों में है दम, राडिया-विनायकम्
उत्तर में घोटाले करती मायावती महान है
दक्षिण में राजा-कनिमोझी करुणा की संतान है.
जमुना जी के तट को देखो कलमाडी की शान है
घाट-घाट का पानी पीते चावला की मुस्कान है.
देखो ये जागीर बनी है बरखा-वीर महान की
इस मिट्टी पे सर पटको ये धरती है बेईमान की.
बन्दों में है दम...राडिया-विन
ये है अपना जयचंदाना, नाज़ इसे गद्दारी पे.
इसने केवल मूंग दला है मजलूमों की छाती पे.
ये समाज का कोढ़ पल रहा, साम्यवाद के नारों पे
बदल गए हैं सभी अधर्मी भाडे के हत्यारे में .
हिंसा-घोटाले ही अब,पहचान है हिन्दुस्तान की
इस मिट्टी पे सर पटको ये धरती है बेईमान की.
बन्दों में है दम...राडिया-विन
देखो मुल्क दलालों का, ईमान जहां पे डोला था.
सत्ता की ताकत को चांदी के जूतों से तोला था.
हर विभाग बाज़ार बना था, हर वजीर बस प्यादा था.
बोली लगी यहाँ सारे मंत्री और अफसरान की.
इस मिट्टी पे सर पटको ये धरती है बेईमान की.
बन्दों में है दम...नंगे- बेशरम....!
BY SHRI PANKAJ JHA JI
EDITOR -DEEPKAMAL ,RAIPUR
ला-जवाब" जबर्दस्त!!
जवाब देंहटाएंनए साल की आपको सपरिवार ढेरो बधाईयाँ !!!!
आपने ब्लॉग पर आकार जो प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं
जवाब देंहटाएं... bahut khoob ... rochak post !!
जवाब देंहटाएंमुझे लगता है कि सतह पर कचरा है, लेकिन जीवन का सौंदर्य और रस भी यहां तलाशा जा सकता है.
जवाब देंहटाएंदेखो मुल्क दलालों का, ईमान जहां पे डोला था.
जवाब देंहटाएंसत्ता की ताकत को चांदी के जूतों से तोला था.
हर विभाग बाज़ार बना था, हर वजीर बस प्यादा था.
बोली लगी यहाँ सारे मंत्री और अफसरान की.
जी घप्लिस्तान के बारे में जानकार मन थोडा तीखा हो गया ..क्यूंकि हम भी इसी घप्लिस्तान में ही रहते हैं और हम इसे बचाने के लिए कुछ नहीं कर पाते ...और जिन लोगों के हाथ देश में कि कमान सोंपी है ..उनका क्या कहना ...बस सोचा जा सकता है ..आपका आभार इस सशक्त प्रस्तुति के लिए
कृपया वर्ड वेरिफिकेशन हटा लें ...टिप्पणीकर्ता को सरलता होगी ...
जवाब देंहटाएंवर्ड वेरिफिकेशन हटाने के लिए
डैशबोर्ड > सेटिंग्स > कमेंट्स > वर्ड वेरिफिकेशन को नो करें ..सेव करें ..बस हो गया .
स्वागत.
जवाब देंहटाएंमजेदार गीत है,
जवाब देंहटाएंअब तो यही असली गीत लग रहा है, पं. प्रदीप वाला गीत इसकी पैरोडी लग रहा है।
रचना में है दम ! मानते हैं हम !!
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डॉ.चन्द्रकुमार जैन
बधाई !
जवाब देंहटाएंबहुत खूब !
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की बधाई दोस्त !
बधाई !
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