गुरुवार, 25 नवंबर 2010

बिहार मे राजग की डबल सेंचुरी -- गाँधी-पासवान- लालू क्लीन बोल्ड !


बिहार मे राजग की डबल  सेंचुरी -- गाँधी-पासवान- लालू क्लीन बोल्ड  


बिहार के टेस्ट मैच मे राजग ने कमाल की डबल सेंचुरी करते हुए गाँधी-पासवान-लालू को क्लीन बोल्ड करके सुपडा साफ कर दिया है,यह भारतीय लोकतंत्र मे यह एक नयी करवट है जबकि ९० के दश्क की रीजनल पार्टीस अंडर १० मे सिमट गई और कांग्रेस के युवराज का फॉर्म टीम इंडिया के युवराज की तरह रहा जो नहीं चल पाया .
गठबंधन ने 243 सीटों वाली विधानसभा में 206 सीटें (भाजपा 91 और जद-यू 115) जीत कर विपक्ष को एक तरह से अस्तित्‍वविहीन कर दिया। वहीं दूसरी ओर 15 साल तक बिहार पर राज करने वाले राजद के मुखिया लालू प्रसाद ने राम विलास पासवान की पार्टी (लोक जनशक्ति) के साथ मिल कर चुनाव लड़ा था, लेकिन यह गठबंधन 25 का आंकड़ा भी नहीं पार कर पाया। राजद को 22 और लोजपा को 3 सीटें मिली हैं।पांच साल पहले हुए चुनावों में जद(यू)139 सीटों पर चुनाव लड़ी थी जिसमें से 88 सीटें उसके खाते में गई थीं वहीं भाजपा 102 सीटों में से महज 55 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी.
नितीश ने विकास,सुशासन और परफोर्मेंस लीडरशिप के मॉडल से जो सेंचुरी की है व राजग ने जिस तरह से बीजेपी जद(यू} कॉम्बीनेशन में धमाकेदार वापसी की है,वह मौका परस्त राजनीतिको को जनता जनार्दन का ऐसा सन्देश है जिससे  भारतीय राजनीति मे दशको से चली आ रही बहु ध्रुवीय बिखराहट से जन सुविधा सुलभ करा सकने मे सछम गठबंधन को करारा झटका लगा  है। 
बिहार चुनाव मे दोनों ही दलो ने रन बनाने की गति सहवाग-सचिन की तरह धमाकेदार रखी,लेकिन बिहार के लोगों ने बिहार में ही काम करने के लिए मैंडेट दिया है या इन नतीजों का राष्ट्रीय राजनीति बल्कि दूसरे प्रदेशों पर कुछ असर होगा यह आने वाला समय तय करेगा क्योकि क्रिकेट की तरह भारतीय राजनीति भी बहुत से कारको से परिणाम व् ईनाम तय करती है,फ़िलहाल राजग के लिए जश्न का समय है,पर चुनौती पहले से ज्‍यादा बढ़ गई है।अभी भी राज्‍य के कई हिस्‍से सड़क संपर्क से दूर हैं।सरकारी अस्‍पतालों में डॉक्‍टर अब दिखाई देते हैं, मरीजों को कुछ दवाएं भी मिलती हैं,कई गांवों में प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केंद्र और अस्‍पताल सपना ही है।कानून व्‍यवस्‍था के मोर्चे पर भी नीतीश सरकार ने बीते पांच सालों में बिहार की जनता में उम्‍मीद जगाई है। 750000 से ज्‍यादा उन अपराधियों को जेल में बंद कराया, जिनका अपने-अपने इलाकों में खौफ था। अपहरण, हत्‍या, बलात्‍कार, माओवादी हिंसा के मामलों में अपेक्षाकृत कमी आई। इस चुनाव की ही बात करें तो पहली बार बिहार के इतिहास में ऐसा हुआ कि चुनाव संबंधी हिंसा में जानें नहीं गईं। ये सब बिहार की जनता के लिए सपने जैसा था। जनता दल (यूनाइटेड) और भाजपा की गठबंधन सरकार को दूसरे कार्यकाल का जो स्पष्टतम जनादेश दिया है, वह ऐतिहासिक है। अब मौका है सपने पूरा करने का और यह तय कि अब विकास के ही मुद्देपर चुनाव लड़े जायेंगे 





6 टिप्‍पणियां:

  1. आप का स्वागत है बहुत बढ़िया लेख है

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  2. बहुत सुंदर लेख बिहार में जो हुआ उस से राजनीति से नए समीकरणों का नया अध्याय शुरू हुआ है विकास विकास विकास देश का विकास

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  3. बहुत बढ़िया ....अच्छा विशेषण...वास्तव में जीत तो इस बार बिहार गया है. देश और लोकतंत्र की भी जीत मिली है.
    पंकज झा.

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  4. बहुत बढ़िया बिहार में जो हुआ नए समीकरणों का नया अध्याय शुरू हुआ है अच्छा विशेषण..........

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  5. बिहार के टेस्ट की आपने सुन्दर जानकारी दी . धन्यवाद !

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  6. बहुत बढ़िया समीकरण का नया अध्याय शुरू- धन्यवाद !

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